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मंत्र और आरती

हनुमान जी की आरती

आरती कीजे हनुमान लला की,
दुष्ट दलन रघुनाथ कला की।
जाके बल से गिरिवर कांपे,
रोग दोष जाके निकट न झांके॥

हनुमान चालीसा

श्रीगुरु चरन सरोज रज, निज मन मुकुर सुधार।बरनऊं रघुबर बिमल जसु, जो दायक फल चार॥बुद्धिहीन तनु जानिके, सुमिरौं पवन कुमार।बल बुद्धि विद्या देहु मोहिं, हरहु कलेश विकार॥

गणेश जी की आरती

जय गणेश जय गणेश जय गणेश देवा,
माता जाकी पार्वती, पिता महादेवा।
एकदन्त दयावन्त, चार भुजाधारी,
माथे सिंदूर सोहे, मूसे की सवारी॥

शिव जी आरती

ॐ जय शिव ओंकारा,
स्वामी जय शिव ओंकारा।
ब्रह्मा, विष्णु, सदाशिव,
अर्द्धांगी धारा ॥
ॐ जय शिव ओंकारा...॥

श्री सत्यनारायण जी आरती

जय लक्ष्मी रमणा,
स्वामी जय लक्ष्मी रमणा ।
सत्यनारायण स्वामी,
जन पातक हरणा ॥
ॐ जय लक्ष्मी रमणा, 

विष्णु भगवान जी की आरती

ॐ जय जगदीश हरे, स्वामी जय जगदीश हरे।भक्त जनों के संकट, दास जनों के संकट क्षण में दूर करे॥जो ध्यावे फल पावे, दुख विनसे मन का,स्वामी दुख विनसे मन का॥